पूर्व
व्यवस्था के अनुसार, मृतक आश्रित कोटे के तहत अध्यापक बनने वाले
अभ्यर्थियों को सेवाकाल के दौरान ही बीटीसी की ट्रेनिंग दी जाती थी फिर
पूर्ण कालिक शिक्षक के पद पर समायोजित कर दिया जाता था पर अप्रैल 2010 को
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 जुलाई
2011 को इस अधिनियम के लिए नियमावली लागू की थी। इस नियमावली के संदर्भ में
जारी एक शासनादेश के तहत 27 जुलाई 2011 के बाद किसी भी रूप में प्राथमिक
शिक्षक की नियुक्ति के लिए टीईटी को अनिवार्य योग्यता माना गया था । इसी
प्रकार मृतक आश्रित कोटे के तहत अध्यापक बने वह अभ्यर्थी जिन्होंने टीईटी
की परीक्षा नहीं पास की थी, के चयन को रद किए जाने की घोषणा की गई थी।अब इस
लिहाज़ से देखा जाए तो हम शिक्षा मित्र भी 27 जुलाई 2011 के पहले से ही
सेवाकाल में ही हैं और कानूनन सरकार द्वारा हम शिक्षा मित्रों पर शिक्षा
का अधिकार अधिनियम थोपे बिना पूर्ण कालिक शिक्षक पद पर समायोजित करने का
आदेश जारी कर देना चाहिए ....
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